जनता का प्लान
- kewal sethi
- Aug 18, 2020
- 2 min read
in government something new is being done every moment.
yet more it changes, more it remains the same.
this is the story of plan as planned by the new government.
जनता का प्लान
बड़ा जोश था बड़े वलवले थे
दुनिया को बदलने निकल पड़े थे
दस साल में बेकारी को मिटाना था
पाँच साल में नया करिश्मा कर दिखाना था
चल रहा था जो गलत सलत वह ठीक होगा
अपना रास्ता पुरानी से हट कर नई लीक होगा
बिना सोचे विचारे अब कोई कदम न उठाया जाये गा
हर पहलू पर कर के गौर, फैसला सुनाया जाये गा
प्रधान मंत्री ने, दूसरे मंत्री ने, तीसरे मंत्री ने
प्रजातन्त्र के हर छोटे से छोटे संत्री ने
अपनी अपनी राय से सब को नवाज़ा
सब की राय को सब ने ही जाँचा
पाँच साला प्लान की जगह फिर रोलिंग प्लान बनाया
एक नया तरीका, एक नई बात, एक नया अरमान लाया
क्या था नया इस पर खूब बहस मुबासा हुआ
क्या करना है इस का जम कर खुलासा हुआ
बड़े विस्तार से सब कुछ बताया गया
समझ में न आया पर समझाया गया
लेकिन
हाय रे वक्त
रुका नहीं, थमा नहीं, चलता ही गया
यहाँ तक कि अक्तूबर का महीना आ गया
मामला अधर में था
सैशन सर पर था
कुछ न कुछ तो बनाना था
कुछ न कुछ तो दिखाना था
हुकुम ऊपर से चला और नीचे को बढ़ा
हर एक ने तसवीर को थोड़ा थोड़ा सँवारा
आखिर में मंत्रालय को सब कुछ बताया गया
31 तारीख तक पूरा प्लान मंगवाया गया
25 तारीख हो चुकी थी सब घबराये
इतनी जल्दी नये विचार कहाँ से लायें
जल्दी से मीटिंगें हुईं, बैठकें हुईं, शोर हुआ
काम पूरा करने को एहलान पुरज़ोर हुआ
सचिव ने संयुक्त सचिव को, संयुक्त ने उप को
उप ने अवर को, अवर ने असिसटैण्टों के ग्रुप को
फौरन प्लान बनाने को कहा
एक दम नई बात जमाने को कहा
असिसटैण्ट ने पुरानी फाईल निकाली
उस पर जमी हुई सारी धूल झाड़ी
पुराने राईट अप को उस ने देखा
उस पर जमाया इस वर्ष का लेखा
साल का नाम बदल ही गया
आँकड़ों को नया रूप मिल ही गया
अवर ने देखा, सोचा बदलने में लगे गा टाईम
वर्तमान सिथति में यह माना जाये गा क्राईम
उप उस से अधिक व्यस्त था
संयुक्त तो मीटिंग में ही मस्त था
गरज़ प्लान जहाँ पहुँचना था पहुँच गया
प्लानिंग डिवीज़न ने उसे एक साथ जोड़ दिया
साईक्लोस्टाईल हो गया, बंध गया
प्लानिंग कमीशन को भी जंच गया
नतीजा
वही भाषा है वही ज़बान है
कहने को यह जनता का नया प्लान है
(दिल्ली - नवम्बर 1977)
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