अदानी अदानी
- kewal sethi
- Feb 21, 2023
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अदानी अदानी
हिण्डनबर्ग ने अब यह क्या ज़ुल्म ढाया
जो था खुला राज़ वह सब को बताया
जानते हैं सभी बोगस कमपनियाॅं का खेल
नार्म है यह व्यापार का चाहे जहाॅं तू देख
टैक्स बचाने के लिये कई देश रहते तैयार
देते हर तरह की सुविधा वह बिना तकरार
पूरे व्यापार को है खुला उन की एहलान
तुम रोक सको तो रोक लो हमारी उड़ान
राज़ यह है अदानी को चुना क्योंकर
ऐसी क्या खता हुई उस से आखिर
माना मोदी के साथ उस का है याराना
भला सरकार से कौन रह सका बैगाना
उसी से मिलती हैं उन्हें सब सहूलियात
जिस से व्यापार करता तरक्की दिन रात
जलते हैं दूसरे व्यापारी देख कर इसे
लगता है उन्हें कम हुये उन के हिस्से
या फिर यह भी हैं मुमकिन अफसाना
निगाहें कहीं, कहीं दूसरे पर है निशाना
चैबीस अब दूर नहीं है, जानते हैं सब
अगर यही माहौल रहा, डूब जाये गे हम
इस लिये बदनाम करने की यह कहानी
चोर चोर मौसेरे भाई यह कहावत पुरानी
कुछ उस की साख गिरे तो सम्भलें हम
गिरे वह नज़र से तो आये दम में दम
हर किसी की उसे गिराने की है तैयारी
पर आये गा कौन, यह रूकावट भारी
इस पर इतफाक राय होने में है कसर
जगह खाली हो तो फिर सोचें गे हम
चला है क्या उन का शातिर दिमाग
मौका पाया है घेरने का उसे आज
कहीं जे पी सी का हौवा है दिखाया
कही सुप्रीम कोट का द्वार खटखटाया
सुप्रीम कोर्ट को दिखा इस में रास्ता
शायद टल जाये कालेजियम पर खतरा
अदानी का क्या है बिछा ले गा बिसात
पैसे के ज़ोर से चलती सब की बारात
माना भाव कम हुये कम्पनियों के शेयर
पर ढेरों में कुछ निकालो तो भी है ढेर
दो नम्बर पर न सही, बहुत है क्रम बीस
अभी भी खिला सकता है सब को फीस्ट
कक्कू कवि के न शेयर है न कोई भागीदारी
फिर भी शुगल अच्छा है सो लिख दी शायरी
(20 फरवरी 2023)
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